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साइमन कमीशन भारत कब आया?
1919 ई के भारत शासन अधिनियम के अनुसार लागू की गई द्वैध शासन प्रणाली की सलफलता या असलफलता की जांच हेतु एक कमीशन का गठन होना था | इसी के परिपेक्ष्य में नवंबर 1927 ई में साइमन कमीशन के गठन की उद्घोषणा हुई | इसमें सात सदस्य थे | साइमन कमीशन में मुद्दे में सभी भारतीय पार्टियों ने आपत्ति जताई | इस आपत्ति के अनेक कारण थे आइये विस्तार से चर्चा करें –
- साइमन कमीशन का गठन 2 वर्ष पूर्व किया गया था |
- इस साइमन कमीशन के सातों सदस्य स्वेत थे , जबकि उस समय ब्रिटिश पार्लियामेंट में भारतीय सदस्य के रूप में लॉर्ड सिन्हा (सत्येंदर प्रसंन सिन्हा ) तथा सकलतवाला कार्येरत थे |
- भारतीय नेताओ का कहना था की भारतीय संविधान की रचना कोई भारतीय संस्था कर सकती है
साइमन कमीशन के उद्देश्य क्या थे?
भारतीय नेताओ का कहना था की स्वराज संबंधी योग्यता के लिए किसी परीक्षा की जरूरत नहीं होती है यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है |
- 3 फरवरी 1928 को साइमन कमीशन बम्बई के तट पर उतरने के साथ ही देशव्यापी बहिष्कार आंदोलन प्रारंभ हो गया , जिसमे लगभग सभी दलों ने भागीदारी की | इतना तक की सुरेंदर नाथ बनर्जी के द्वारा गठित इंडियन लिबरल फेडरेशन तथा जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने भी इसका विरोध किया इसके साथ ही हिन्दू महासभा भी इसके विरोध में शामिल थी |
- संयुक्त प्रान्त में जवाहरलाल नेहरू और गोविंद वल्लभ पंत ने इसका विरोध किया | लखनऊ में खलीकुज्जमा ने इस विरोध नेतृत्व संभाला | पंजाब में इसके विरोध प्रदर्शन में लाला लाजपतराय पर पुलिस ने लाठी चलाई तथा घायल मृत्यु हो गई |
साइमन कमीशन की रिपोर्ट कब प्रकाशित हुई?
1930 ई में साइमन कमीशन की रिपोर्ट प्रकासित की गई | इसमें अनेक प्रावधान किये गए थे –
- इस आयोग ने माना की भारत सरकार अधिनियम 1919 द्वारा स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था सफल नहीं रही है ,अत : इसे समाप्त कर प्रांतो में उत्तरदायी शासन की स्थापना की जाए तथा भारत की विविधता को देखते हुए केंद्र में संघीय व्वस्था की स्थापना की जाए |
- पृथक निर्वाचन व्यवस्था को जारी रखा जाए तथा अल्पसंख़्यको के अधिकारों की सुरक्षा के लिए गवर्नर जनरल और गवर्नरों को विशेष अधिकार दिया जाए |
- पृथक निर्वाचन व्यवस्था को जारी रखा जाए तथा अल्पसंख़्यको के अधिकारों की सुरक्षा के लिए गवर्नर जनरल और गवर्नरों को विशेष अधिकार दिया जाए |
- विधानमंडलों को पुनर्गठन कर सदस्य संख्या का विस्तार किया जाए |
- इसमें अतिरिक्त मताधिकार का विस्तार करने ,सेना का भारतीय करण करने तथा भारत जे सम्बन्ध में गृह सरकार की शक्तियों को कम करने की बात कहीं गई |
- भारतीओ ने इस रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया क्योकि इसमें उनकी मुख्य मांग ‘स्वराज् ‘या ‘डोमिनियन स्टेटस ‘देने का उल्लेख तक नहीं किया गया था |
भारत आने वाले साइमन कमीशन का विरोध क्यों हुआ?
साइमन कमीशन बहिस्कार कार्येक्रम का महत्व :-
- इसमें भारतीयों दलों को राजनितिक मोर्चे पर लामबंद कर ब्रिटिश साम्राज्य के विरोध के लिए प्रेरित किया | इससे राष्ट्रीय आंदोलन को नवीन गति प्राप्त हुई |
- इसमें छात्रों की व्यापक भागीदारी रही ,जिसके परिणामस्वरूप छात्रों ने पहली बार राजनितिक अनुभव प्राप्त कर अनेक छात्र संघठनो को जन्म दिया |
- इसने भारतीयों को ‘स्वशासन ‘ की मांग को प्राथमिकता क्रम में ऊपर ला दिया तथा भारतीओ द्वारा भारत के संविधान को निर्मित किये जाने की मांग को प्रबलता से उठाया जाने लगा |
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